बिहार के एक आईएएस अधिकारी इन दिनों अपने सादगी को लेकर सुर्खियों में हैं। उनकी सादगी ने लोगों को दिलों को छू लिया है। अमूमन देखा जाता है कि जिले में अधिकारियों के तबादले या पदस्थापना के बाद जोर-शोर के साथ फेयरवेल पार्टी आयोजित की जाती है या उन्हें भव्य विदाई दिया जाता है। लेकिन इस आईएएस अधिकारी ने बेहद साधारण तरीके से अपने तबादले की चिट्ठी ली और निकल पड़े।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले के डीएम रहे योगेंद्र सिंह जो अपनी सादगी को को लेकर सुर्खियों में है। नालंदा के 37वें डीएम रहे योगेंद्र सिंह की सादगी ट्रांसफर के बाद उस समय देखने को मिला जब सभी की जुबान पर इन्हीं का नाम था। देखते ही देखते हैं इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। बिना शोर-शराबे और तामझाम के बगैर जिला अधिकारी योगेंद्र सिंह ने नालंदा को अलविदा कहा उन्होंने अपने विदाई के अवसर पर सम्मान में रखी फेयरवेल पार्टी मनाने से इंकार कर दिया।
फेयरवेल पार्टी को मना करने के बाद उन्होंने लोगों का शुक्रिया अदा किया। किसी भी सरकारी सेवा का लाभ भी जिलाधिकारी ने लेने से मना कर दिया। हाथ में ट्रॉली बैग लिए बिना बॉडीगार्ड के डीएम योगेंद्र सिंह रेलवे स्टेशन की ओर निकल पड़े। रेलवे स्टेशन पर भी उनकी सादगी बनी रही। आम नागरिकों की तरह उन्होंने पंक्ति में खड़े होकर ट्रेन का टिकट कटवाया और श्रमजीवी एक्सप्रेस से पटना के लिए रवाना हो गए। बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले योगेंद्र सिंह नालंदा से समस्तीपुर के डीएम बनाए गए हैं।
लगभग 3 साल तक योगेंद्र सिंह ने नालंदा में जिला अधिकारी पद की कमान संभाली। योगेंद्र सिंह की छवि ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और तेजतर्रार आईएएस अफसर के रूप में है। नालंदा के लोग भी योगेंद्र सिंह की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। हर किसी के जुबां पर उनकी नाम है।