उत्तर बिहार के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब राजधानी पटना आने-जाने में जाम की समस्या से मुक्ति मिलने वाली है। उत्तर बिहार की राजधानी से जोड़ने वाली गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है। तकरीबन एक सौ से ज्यादा इंजीनियर, सुपरवाइजर और एक हजार कर्मी पुल निर्माण में दिन रात लगे हुए हैं। 46 पायों वाले इस पुल के 26 पायों का सुपर स्ट्रक्चर जंगरोधी स्टील से तैयार हो गया है। 13 स्पैन पर स्लैब भी रखा जा चुका है। अगले महीने से नवनिर्मित पूर्वी लेन की पिङ्क्षचग का काम प्रारंभ होगा।
महात्मा गांधी सेतु डिवीजन के अधिकारियों की मानें तो अगले साल यानी 2022 के मई महीने में ही गांधी सेतु के पूर्वी लैंड पर गाड़ियों का आना-जाना शुरू हो जाएगा। मार्च 2022 में ही इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। गंगा का जलस्तर बढ़ने और बारिश के चलते निर्माण कार्य में देरी हुई है। यारों ने बताया कि जलस्तर वृद्धि और अधिक घटने के कारण निर्माण कार्य काफी प्रभावित हुआ है। पता था कि फिलहाल सेतु के नवनिर्मित पक्ष में सभी तरह के गाड़ियों का आवागमन हो रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 और 19 को जोड़ने वाली स्कूल के एक लाइन पर गाड़ियों का अधिक दबाव होने का कारण, गाड़ियों की खराब होने और ओवरटेक के कारण जाम की समस्या से लोग जुझते रहते हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 46 पिलरों वाले गांधी सेतु के 39 पिलर के पियर कैप का काम हो चुका है। इस पियर कैप पर लोहे का स्ट्रक्चर रखा गया है। पूर्वी और पश्चिमी जन के दोनों तरफ भी साढ़े तीन फीट का फुटपाथ बन रहा है। सरिया बिछाने का भी काम हो गया है। फुटपाथ पर यूटिलिटी कॉरिडोर का इस्तेमाल होगा। जहां पानी-बिजली के साथ ही केवल दौड़ाने का काम होगा। पैदल यात्रियों के आवागमन के लिए सेतु के दोनों लेन पर दो मीटर चौड़ा फुटपाथ होगा। सेतु के लेन पर एलईडी लाइट लगाने का भी काम हो गया है।