इस वर्ष के अंत तक बिहार को 4 नेशनल हाईवे की सौगात मिलेगी। जिसके लिए काम युद्ध स्तर पर जारी है। बता दें कि इसका निर्माण काफी पहले ही हो जाना था, लेकिन भूमि अधिग्रहण में हो रही समस्या के चलते निर्माण कार्यों में देरी आ रही थी। जिसे पूरा कर लिया गया है।
बता दें कि इन चार नेशनल हाईवे में किशनगंज का एलिवेटेड रोड, फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन, मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का टू लेन एप्रोच रोड और गोपालगंज-छपरा टू लेन सड़क शामिल है। इसमें कोईलवर का सिक्स लेन भी बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है, जिसका कार्य भी पूरा कर लिया गया है।
किशनगंज का एलिवेटेड रोड (NH-31) की कुल लंबाई 3.18 किमी में बनाया जा रहा है। 2018 के जून महीने से इसकी शुरुआत हुई थी, जिसकी लागत 129 करोड़ रूपए हैं। जून 2020 तक ही इसको पूरा कर लेना था लेकिन भूमि अधिग्रहण में समस्या के चलते लेट हो गया।
फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन (NH-57ए ) को 9.25 किमी लंबा बनाना है। इसको 2016 के अप्रैल महीने में ही मंजूरी मिली थी। जिसकी लागत 247 करोड़ रूपए है। इसे 2018 मे ही तैयार कर देना था लेकिन भूमि अधिग्रहण में देरी के चलते यह काम अब तक पूरा नहीं हो सका है।
मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का टू लेन एप्रोच रोड (NH-333बी) 14.5 किमी लंबाई बनाया जा रहा है। इसको 2018 के दिसंबर महीने में ही मंजूरी मिली थी। जिसकी लागत 231 करोड़ रुपए है। 2021 के मई महीने तक इसको पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण में देरी के चलते अभी तक पूरा नहीं हो सका है। इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
गोपालगंज-छपरा टू लेन रोड (NH-85) को 94.2 किमी लंबा बनाया जाना है। इसको 2015 के दिसंबर महीने में ही मंजूरी मिली थी। जिसके लिए सरकार ने 244 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा था। दिसंबर 2017 मई तक ही इसको पूरा कर लेना था, लेकिन भूमि अधिग्रहण में देरी के चलते अभी तक कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिसे इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।