आपको हम आज एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे है जिन्होंने ना सिर्फ अपनी इंसानियत के बदौलत एक खास मुकाम हासिल किया बल्कि TATA GROUP के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के साथ काम करने का मौका भी हासिल किया और इन शख्स का नाम है शांतनु नायडू।
शांतनु नायडू जनहे कुत्तों से बेहद प्यार है शांतनु नायडू 5 साल पहले एक सड़क दुर्घटना के दौरान हुए आवारा कुत्ते की मौत ने झंझोर दिया। शांतनु नायडू ने कुत्तों की मौत और उनके बचाव कार्य पर काफी ध्यान दिया और कड़ी मेहनत के बाद एक ऐसा उपाय निकाला जिससे सड़क पर ड्राइवर को दूर से ही पता लग जाये कि आगे कुत्ता खड़ा है।
शांतनु नायडू ने आवारा कुत्तों के लिए एक चमकदार कालर बनाने का निर्णय लिया. आपको बता दें की केवल शांतनु नायडू ही नही बल्कि उनके पिता को भी कुत्तों से बेहद लगाव है ऐसे में उन्होंने अपने बेटे को यह सुझाव दिया कि वह रतन टाटा को इस सम्बंध में एक पत्र लिखें। जिसके बाद शांतनु नायडू ने किसी तरह हिम्मत इक्कठा कर रतन टाटा को पत्र लिख कर भेज दिया। हालांकि शांतनु नायडू के इस पत्र का जवाब कंपनी ने दो महीने बाद दिया और उन्हें एक मीटिंग के लिए आमंत्रित किया।
आमंत्रण के बाद शांतनु नायडू रतन टाटा से मिलने मुम्बई गए। इस मीटिंग में रतन टाटा ने शांतनु नायडू को बताया कि वह उनके इस काम से बेहद इम्प्रेस हुए और साथ ही उन्हें इस काम के लिए फंड भी दिया। जिस वक्त शांतनु नायडू ने रतन टाटा से मुलाकात की उस वक़्त वह अपनी मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे थे और रतन टाटा से मिलने के बाद वह अपनी पढ़ाई में पूरी तरह जुट गए।
शांतनु नायडू ने मुलाकात के दौरान रतन टाटा से ये वादा किया था कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करते ही उनके साथ काम करेंगे और जैसे ही उनकी पढ़ाई पूरी हुई रतन टाटा ने उन्हें खुद फोन कर पूछा कि क्या वह उनके साथ काम करना चाहेंगे। जिसके उत्तर में शांतनु नायडू ने गहरी साँस भरते हुए उन्हें हाँ कहा और उनके साथ काम में जुट गए। आपको बता दें कि वर्तमान में शांतनु नायडू आवारा कुत्तों के लिए चमकदार कालर डिज़ाइन करने का काम करते हैं।