उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार को संपर्क स्थापित करने वाला महात्मा गांधी सेतु 5.5 किलोमीटर लंबी पुल को साला 1983 में बनाया गया था। लेकिन पुल की स्थिति डगमगाने के बाद इस के पुराने स्ट्रक्चर को जमींदोज कर स्टील से नया सुपर स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। फिलहाल पश्चिमी लेन का कार्य पूर्ण हो चुका है और पूर्वी लेन का काम भी अंतिम दौर में है। निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद राजधानी पटना से लोग मात्र 15 से 20 मिनट में हाजीपुर का सफर कर सकेंगे।
बता दें कि कोविड व अन्य कारणों के चलते धीमी गति से निर्माण कार्य चल रहा था। लेकिन कार्य में तीव्रता लाने के लिए सरकार ने निर्माण एजेंसी को आदेश दिया जिसके बाद कहा जा रहा है, कि आने वाले 30 मई से पूर्वी लेन पर गाड़ियों का आना-जाना शुरू हो जाएगा।
महात्मा गांधी सेतु के पुराने स्ट्रक्चर को ध्वस्त कर नए सुपर स्ट्रक्चर के बनने के बाद यह पुल बेहद हाईटेक हो जाएगा। साइकिल और मोटरसाइकिल से आने-जाने के लिए पुल पर अलग लेन होगा। पुल के स्पेन में केबलिंग है, जहां किसी भी तरह का पाइपलाइन बिछाया जा सकता है।
नेशनल हाईवे 30 और 19 से उत्तर बिहार से राजधानी पटना को जोड़ने वाले सेतु के 46 पाए में से पूर्वी लेन पर 42 स्पेन की सड़क का काम पूरा हो चुका है। 36 स्पेन की रेलिंग बन चुकी है। 21 स्पेन का मौसट्रिक हो गया है, 30 स्पेन पर कोलतार बिछा है जबकि आपस मे 35 स्पेन को जोड़ दिया गया है।पुल पर इन दिनों पेंटिंग का कार्य जोरों-शोरों से चल रहा है। पथ निर्माण विभाग भी गांधी सेतु के दोनों लेन के लोकार्पण को लेकर उत्साहित है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि पुल का उद्घाटन 30 मई तक कर दिया जाएगा।