बिहार के आरा जिले को लोगों को भारत सरकार बड़ी सौगात देने जा रही है। जल्द ही बलिया और आरा रेल लाइन से कनेक्ट हो सकता है। बिहार और उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख जिलों को जोड़ने के लिए 61 किलोमीटर लंबे आरा से बलिया ट्रेन रूट का सर्वे पूर्वोत्तर रेलवे ने पूरा कर लिया है। इस रेल लाइन के बिछ जाने से बलिया और आरा की दूरी 36 किलोमीटर कम होगी। इन दोनों स्टेशनों के बीच 2 हाल्ट और छह स्टेशन बनेंगे
पूर्वोत्तर रेलवे के द्वारा प्रस्तावित बलिया और आरा के बीच टोटल 61.693 किमी लंबी रेल लाइन बिछेगी। इसके साथ आरा जंक्शन के नजदीक जगजीवन हॉल्ट को नया रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव सामने आया है। तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सर्वे टीम ने इस रूट का प्रस्ताव सौंपा है। जल्द ही इस पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर काम शुरू होगा।
बता दें कि नई रेलवे लाइन भोजपुर जिले आरा से जगजीवन हाल्ट रुट होते हुए मसाढ़, उमरावगंज, धमार और धमवल होते हुए बक्सर के नैनीजोर के समीप गंगा नदी को पार करके यूपी में काठही कृपालपुर हल्दी, सोहिलपुर होते हुए बलिया के पास छपरा-वाराणसी रेल मार्ग में मिलेगी। इस मार्ग पर कृपालपुर और नैनिजोर के बीच गंगा नदी के ऊपर नया रेल पुल निर्माण प्रस्तावित है। डीपीआर बन जाने के बाद इस प्रोजेक्ट की लागत के बारे में जानकारी मिलेगी।
इस नई रेल रूट के निर्माण होने से बलिया और आरा की दूरी कम जाएगी। आरा से बलिया जाने के लिए मौजूदा समय में लोगों को ट्रेन पकड़कर बक्सर 68 किलोमीटर दूर जाना होता है जहां से सड़क रूट के माध्यम से और 36 किलोमीटर की सफर तय कर बलिया पहुंचते हैं। फिलहाल रेल और सड़क मार्ग दोनों मिलाकर टोटल 104 किलोमीटर की सफर तय करनी पड़ती है। इससे लोगों का समय और पैसा दोनों खर्च होता है। नई रेल रूट से यह दूरी केवल 36 किलोमीटर की हो जाएगी।
बताने की रेल लाइन के निर्माण होने से भोजपुरी बम पूर्वांचल क्षेत्र के पिछड़े इलाकों को विकास की नई गति मिलेगी। बेहतर परिवहन सुविधा नहीं होने की वजह से फिलहाल इस क्षेत्र का विकास सही ढंग से नहीं हो पाया है। आरा-बलिया रेल लाइन के जमीनी स्तर पर उतारने के बाद इस क्षेत्र के लोगों के लिए परिवहन सुलभ हो जाएगा और इलाके में रोजगार और विकास के अवसर पैदा होंगे।