भारत अपने आप में सबसे अनोखा और खास देश है। यहां जितनी संस्कृति, संस्कार और भाषाएं देखने को मिलती हैं वो किसी और देश में देखने को नहीं मिलती है। भारत को हम हिंदी में हिन्दुस्तान के नाम से भी जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर हम अंग्रेजी में भारत को INDIA क्यों कहते हैं और ये शब्द किसने तय किया था?
भारत को अंग्रेजी में इंडिया क्यों कहते हैं?
दरअसल, भारत में कई विदेशी व्यापारी अपना कारोबार करने के लिए भारत आये और सभी ने अपने हिसाब से भारत को अलग नाम दिया। लेकिन जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने इस देश को ‘ए’ स्थान पर रखा। ए को यूनानी में इंडो या इंडोस कहते हैं। यहीं ये ए शब्द लेटिन भाषा में पहुंचा और वहां से ए, इंडिया बन गया। अंग्रेजों ने इस शब्द को अपनाया और इस तरह से भारत का नाम अंग्रेजी में इंडिया पड़ गया।
आजादी के बाद ‘इंडिया’ शब्द को पूर्ण मान्यता दी गई
अंग्रेजों ने भारत में इंडिया शब्द के चलन को इतना बढ़ा दिया कि भारतीयों ने भी इस शब्द को अपनाना शुरू कर दिया और खुद को इंडियन और देश को इंडिया कहना शुरू कर दिया। हालांकि आजादी से पहले इस शब्द को पूर्ण मान्यता नहीं मिली थी।
आजादी के बाद हमारे संविधान ने इस शब्द को पूर्ण मान्यता दी और इसे देश के दूसरे नाम के तौर पर स्वीकार किया गया। हालांकि इंडिया शब्द को लेकर जानकार कई राय रखते हैं
कई लोग मानते हैं कि सिंधु नदी के नाम पर रखा गया इंडिया
कई जानकार मानते हैं कि सिंधु नदी के नाम पर भारत का नाम इंडिया रखा गया। क्योंकि सिंधु नदी का दूसरा नाम इंडस था। जिसे भारत आए विदेशियों ने रखा था। अंग्रेज जब भारत आए तो उस समय हमारे देश को हिन्दुस्तान कहा जाता था।
हिन्दुस्तान बोलने में अंग्रेजों को परेशानी होती थी। ऐसे में जब उन्हें पता चला कि भारत की सभ्यता सिंधु घाटी से जुड़ी हुई है, उन्होंने इसके अंग्रेजी नाम इंडस के तर्ज पर भारता का नाम इंडिया कहना शुरू कर दिया।