भारत सरकार की योजना के मुताबिक एक जिला एक उत्पाद नीति के तहत सहरसा के नवहट्टा में मखाना और सिमरीबख्तियारपुर अंचल में आम उत्पाद को बढ़ावा देने के मकसद से दोनों ब्लॉक में फार्मर प्राड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) का गठन किया गया है। सरकार अब एफपीओ के जरिए इन उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पांच सालों तक वित्तीय मदद मिलेगा। साथ ही तय किए गए रेट पर उत्पाद की खरीदारी कर किसानों को लाभांवित किया जाएगा। इससे बाजार में हो रहे किसान का शोषण रूकेगा और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
बता दें कि मखाना की खेती के लिए कोसी का इलाका काफी प्रसिद्ध है, लेकिन अबतक नियोजित ढंग से इसकी कृषि नहीं हो रही है। एक जिला एक उत्पाद नीति के तहत इसके लिए जिला का चयन किए जाने पर अलग-अलग विभागों के समन्वय से जिले में वृहद स्तर पर मखाना की खेती शुरू हुई। किसानों को इसके लिए उन्नत किस्म का बीज भी उपलब्ध कराया गया। इसकी खेती के साथ ही छोटे- छोटे उद्योग स्थापित कर मखाना का लावा बनाया जाएगा। देशभर में एफपीओ के सहयोग से इसकी पैकिंग कर भेजा जाएगा। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। आम उत्पादन के लिए इसी तरह की नीति अपनाई गई है।
जिले के डीएम आनंद शर्मा ने किसान उत्पादक संगठक एफपीओ के माध्यम से किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिए कृषकों को जागरूक करने का आदेश दिया है। कृषि व उससे संबद्ध विभागों की टीम का गठन भी हो चुका है। हर मंगलवार और गुरूवार को किसानों के बीच भ्रमण कर जागरूक करने का आदेश दिया गया, ताकि अधिकाधिक किसान केंद्र सरकार की इस योजना से लाभान्वित हो सकें।
सहरसा के डीडीएम नाबार्ड पंकज कुमार ने बताया कि किसान उत्पादक संगठन के जरिए जहां खेतीहरों को उत्पाद को बढ़ाने के लिए सरकारी मदद मिलेगा, वहीं इसके लिए बेहतर बाजार की व्यवस्था होगी। इस व्यवस्था से पांच सालों तक क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे। इलाके में आर्थिक समृद्धि भी आएगी।