नगर निगम और नगर पंचायतों के तर्ज पर अब जिला पंचायत में भी उपविधि नियम को गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने लागू कर दिया है। अब ग्रामीण इलाकों में आवासीय या कमर्शियल निर्माण कराने वाले व्यक्ति को मानचित्र जिला पंचायत से पास करवाना होगा। वैसे लोग जो 300 वर्ग मीटर जानी 3230 वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में निर्माण करवाएंगे यह उपविधि उन पर लागू होगा। इस फरमान को जारी कर दिया गया है। नियम के लागू होने से कुछ लोगों की जेब ढीली होगी लेकिन इसके कई लाभ मिलेंगे।
ग्रामीण इलाकों में अनियमित निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए इस नियम को लागू किया गया है। यह उपविधि गीडा, जीडीए, नगर पंचायत नगर निगम के रेंज से बाहर के इलाकों में लागू होगी। वैसे लोग जो 3230 वर्ग फीट से कम जगह में निर्माण करवा रहे हैं उन्हें नक्शा पास करवाने की आवश्यकता नहीं है। बता दें कि नक्शा पास करवाने के लिए आवासीय भवन के लिए प्रति मीटर 50 रुपए की दर से जबकि कमर्शियल भवन के लिए प्रति वर्ग मीटर 100 रुपए के दर से शुल्क भुगतान करना होगा। व्यवस्था के लागू होने से ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से हो रही प्लाटिंग पर भी विराम लगेगा। जिला पंचायत का मकसद है कि यह नियमित रूप से कमर्शियल निर्माण को कंट्रोल में किया जाए।
ग्रामीण इलाकों में नक्शा पास नहीं होने के वजह से बैंकों से कर्ज नहीं मिल पाता था किंतु नक्शा पास होने के बाद अब कर्ज मिल सकेगा न। जो लोग 3230 वर्ग फीट से कम एरिया में बनवा रहे हैं वह भी एप्लीकेशन देकर परमिशन प्राप्त कर लेंगे मेरे बैंक से कर्ज मिल सकेगा। किसी रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर उसे विभिन्न पत्रों के साथ जिला पंचायत दफ्तर में जमा करना होता है।
ग्रामीण इलाके में प्लॉटिंग अथवा ग्रुप हाउसिंग के लिए जिला पंचायत कार्यालय से आउट पास करवाना होगा। ग्रामीण इलाकों में दबंग तबके के द्वारा कब्जा कर निर्माण की शिकायत आती रहती है जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाता है। जिला पंचायत क्या इस नियम के लागू होने के बाद विधिवत तरीके से बुलडोजर चलाया जा सकेगा और दबंगों को गिरफ्त में किया जाएगा। जिला पंचायत अधिकारी ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में निर्माण के लिए नक्शा पास करवाना अनिवार्य होगा। इसके लिए नियम बना दिया गया है। आवेदन मंजूर होने के बाद ही 1 सप्ताह में नक्शा पास करवाने की कोशिश की जाएगी। नक्शा पास नहीं करवाने वालों पर कार्रवाई होगी।
इसके लिए जिला पंचायत कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन करना होगा फिर एक सप्ताह में मानचित्र पास होगा। यह व्यवस्था गोरखपुर डिवीजन के कुशीनगर और महाराजगंज जिले में लागू की गई है, अब मात्र देवरिया जिला बच गया है जहां ग्रामीण इलाके में नक्शा पास करवाने की आवश्यकता नहीं है।