हाइपरलूप दुबई से पहले भारत में हो सकता है चालू, डीपी वर्ल्ड के सीईओ ने दी जानकारी

भारत देश में हाइपरलूप मतलब की बुलट ट्रेन से भी अधिक तीव्र गति से चलनेवाली ट्रेन पर एक अच्छी खबर है। हाइपरलूप दुबई से पहले ही भारत देश के लिए शुरु हो सकती है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सुल्तान अहमद बिन सुलेयाम ने अपने वार्ता में यह बताया है कि अमीरात की बहुराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स कंपनी डीपी वर्ल्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सुल्तान अहमद बिन सुलेयाम ने दिन रविवार को बताया कि UAE से पूर्व भारत देश या सउदी अरब में हाइपरलूप जो कि एक सपना मात्र था वो हकीकत बन सकता है।

आपको पता हो कि हाइपरलूप पैसेंजर और माल के लिए एक बेहद ही तीव्र गति वाली सार्वजनिक परिवहन प्रणाली मानी जा रही है। उन्होंने 1 अक्टूबर से शुरू हुए दुबई एक्सपो-2020 के अवसर पर बताया कि इस दशक के अंत तक पूरी दुनिया के बहुत से हिस्सों में उच्च गति वाली परिवहन प्रणाली एक जो कल्पना मात्र थी वो अब वास्तविकता बन जाएगी।

साथ ही इधर सुलेयाम ने वर्जिन हाइपरलूप की चाल के संदर्भ में पूछे जाने पर एक प्रश्न पर उत्तर में कहा कि, ‘‘मैं इसे या तो पहले भारत देश में देखूंगा, या सऊदी अरब में। हमें आशा है कि जब हम बड़े स्तर को प्राप्त करेंगे, और आपके पास लंबे रूट होंगे, तो ये लोकप्रिय होंगे, क्योंकि शायद 1 हवाई जहाज की गति के लिए आप एक ट्रक की कीमत का भुगतान करेंगे।’’ इस प्रणाली को इस वक्त बहुत सी कंपनियां विकसित कर रही हैं, जिसमें वर्जिन हाइपरलूप भी शामिल है, जिसमें दुबई स्थित बंदरगाह परिचालक डीपी वर्ल्ड की बहुलांश भागेदारी है।

क्या है हाईपरलूप ट्रेन

  • हाईपरलूप ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर परिचालित होगी।
  • हाईपरलूप ट्रेन के तकनीक में खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) पारदर्शी ट्यूब बिछाई जाती है। इसके अंदर लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए परिचालित होती है।
  • हाईपरलूप ट्रेन में घर्षण एकदम नहीं होता। इसी के कारण इसकी चाल 1100 से 1200 KM प्रति घंटे तक होती है। इसमें बिजली के खर्च भी बहुत कम होता है। इसमें प्रदूषण भी बिल्कुल नहीं होता।

हाईपरलूप ट्रेन से सफर में कितना लगेगा टाइम

  • हाईपरलूप की स्पीड हवाई जहाज से भी तीव्र बताई जा रही है।
  • हाईपरलूप में किराया जेनरल ट्रेनों के अधिक होगा। इसका किराया हवाई सफर के बराबर हो सकता है।
  • हाईपरलूप ट्रेन जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेन से भी अधिक तीव्र होगी।
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