नारियल तेल की फैक्ट्री में फेंके जाते थे खोल, उन्हीं से बर्तन बनाकर शुरू कर दिया लाखों का बिज़नेस

केरल के त्रिशूर की रहनेवाली मारिया कुरियाकोस मुंबई में नौकरी करती थीं, लेकिन साल 2019 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। दरअसल, बचपन से ही उनका सपना था कि वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें। हालांकि उन्होंने तब कभी सोचा भी नहीं था कि वह Thenga Coconut Shell Product जैसी कोई चीज़ बनाएंगी और यही उनका बिज़नेस बन जायेगा।

26 वर्षीय मारिया ने, साल 2017 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स करने के बाद, एक कॉर्पोरेट कंपनी के साथ काम किया। उन्होंने बताया, “मैंने एक साल के अंदर ही वह नौकरी छोड़ दी। मैं ऐसी जगह पर काम करना चाहती थी, जो वंचितों को सशक्त करे। इसलिए मैं झुग्गी-झोपड़ियों में महिलाओं के साथ मिलकर स्थायी सैनिटरी पैड बनाने वाली सामाजिक उद्यम से जुड़ गई।”

नारियल तेल मिल से मिली प्रेरणा

त्रिशूर में एक नारियल तेल मिल में वीज़िट से, उन्हें अपने व्यवसाय के लिए ज़रूरी प्रेरणा मिली। मारिया ने कहा, “नारियल अनेक गुणों वाला फल है, जिसके हर हिस्से का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, मिल में मैंने देखा कि नारियल के शेल (नारियल के बाहर का कड़ा हिस्सा) को फेंका जा रहा था।”

इस पर शोध करने के बाद, उन्हें समझ आया कि कुछ व्यवसाय चारकोल (Activated Charcoal) बनाने के लिए नारियल के बाहरी हिस्से का प्रयोग करते हैं। इसके अलावा, ईंधन के रूप में जलाए जाते भी हैं।

मारिया ने बताया, “काफी पहले, केरल के आसपास के कई कारीगर नारियल के खोल का इस्तेमाल खाना परोसने वाली कड़छी बनाने के लिए किया करते थे। पर आज, इन उत्पादों की कीमत और इसे बनानेवाले कारीगर दोनों ही बहुत कम हो गए हैं।”

इसी वजह से ‘थेंगा’ (Thenga) नाम के इस घरेलू ब्रांड की शुरुआत हुई, जिसने अबतक 8,000 से अधिक नारियल के खोल से बने उत्पादों की बिक्री की है।

बेकार पड़ी चीज़ों से कमाई

साल 2019 में, मारिया ने जब एक बार नारियल-खोल आधारित उत्पादों को बेचने का फैसला कर लिया, तब उन्होंने इससे उपयोगी सामान बनानेवाले कारीगरों और विशेषज्ञों से बात की। उन्होंने कुछ महीने यह समझने में बिताए कि नारियल के खोल कैसे छांटे गए और इससे अंतिम उत्पाद कैसे बनाया गया। मारिया ने कहा, “मैंने सीखा कि नारियल के छिलके से उत्पाद बनाने के लिए, कुछ मशीनों की ज़रूरत होगी। ताकि खोल के बाहरी और भीतरी हिस्सों को चिकना करके साफ किया जा सके।”

मारिया ने बताया, “जब तक ये सब तैयार हो रहा था, तब तक मैं उन लोगों से मिल रही थी, जो नारियल के खोल से बने कटोरे खरीदने के लिए तैयार थे।” कुछ व्यवसायों की पहचान करने के बाद, जिनका वह नाम नहीं लेना चाहतीं, मारिया ने घर पर कुछ कटोरे बनाए। इसके साथ ही, उन्होंने तैयार प्रॉडक्ट्स पर व्यावसायिक लोगो भी छापा। मारिया ने बताया, “लेजर प्रिंटिंग, एक थर्ड पार्टी कंपनी द्वारा की गई थी, जो लकड़ी के उत्पादों पर प्रिंट करती है। अंत में, वार्निश जैसे केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट की बजाय नारियल के तेल से खोल को पॉलिश किया गया।”.

एक बार ऑर्डर की डिलिवरी हो जाने के बाद, मारिया को जो प्रतिक्रियाएं मिलीं, वे बेहद सकारात्मक थीं। अगर कोई ग्राहक किसी भी तरह के डैमेज की शिकायत करता है, तो मारिया की कोशिश होती है कि उन्हें बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के तुरंत बदल दिया जाए। व्यवसायियों को बेचने के अलावा, ये कटोरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पेजों पर सीधे ग्राहकों को बेचे जाते हैं।

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