भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत का शुक्रवार को एक कार से एक्सीडेंट हो गया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना के बाद उन्हें देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल उनकी हालत ठीक है। शनिवार को डीडीसीए के डायरेक्टर ने ऋषभ से मिलने के बाद एक्सीडेंट के कारन के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि ऋषभ पॉटहोल (गड्डा) से बचना चाह रहे थे, जिस कारण उनकी कार ने नियंत्रण खो दिया और एक्सीडेंट हो गया। रविवार को उत्तराखंड के CM ने भी ऋषभ से मिलने के बाद कहा था कि वह पॉटहोल से बचना चाह रहे थे,
किन्तु अब रुड़की के नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कहा है कि वहां पर कोई पॉटहोल नहीं था। दरअसल जिस जगह पर ऋषभ का एक्सीडेंट हुआ वहां पर NHAI ने शनिवार देर रात रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया।किंतु इस दौरान राजमार्ग पर ट्रैफिक जाम की वजह से इस काम को अधूरा छोड़ दिया गया। NHAI के प्रोजेक्ट निदेशक पीएस गुसाईं ने दावा किया कि सड़क पर कोई गड्डा नहीं था और उन्होंने सड़क को ठीक करने हेतु केवल पैचवर्क किया था। क्रिकेटर जिसे गढ़ा बता रहे हैं, वह सड़क का उतार चढ़ाव हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि “दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग के नारसन और मैंगलोर खंड पर कोई गड्ढा नहीं था, किंतु सड़क की गड़बड़ी थी, और हमारी टीम ने सड़क को सुचारू करने हेतु केवल पैचवर्क किया था, किन्तु नहर की वजह से दुर्घटना स्थल के पास सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है। हमने नहर को स्थानांतरित करने के लिए सिंचाई विभाग से अनुरोध किया लेकिन उनके अधिकारियों ने कहा कि चारों ओर निजी जमीन होने की वजह से यह संभव नहीं है। इसके अलावा नहर को स्थानांतरित करने हेतु जिला प्रशासन को पत्र भी भेजे ताकि हम राजमार्ग के हिस्से को चौड़ा कर सकें।
हालांकि इस हादसे के बाद लोगों का कहना है कि वहां कि सड़के खराब है। सड़कों पर कई जगह पैचवर्क की आवश्यकता है। 25 वर्षीय क्रिकेटर ऋषभ के सिर व दाहिने घुटने में चोट है जबकि पीठ पर खरोंच के निशान हैं। उन्हें हरियाणा रोडवेज की एक बस के ड्राइवर व कंडक्टर ने बचाया। बताते चलें कि ऋषभ की जान बचाने वालों को उत्तराखंड सरकार 26 जनवरी को सम्मानित करेगी। ऋषभ क्रिकेट मैदाम पर कब लौटने में 2-6 माह लग सकता है। फिलहाल ऋषभ को आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।